۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/अगर मरने वाला कर्जदार हो या उसके ज़िम्में हज वाजिब था, तो इससे अदा किया जाएगा और बाकी को प्रत्येक के हिस्से के अनुसार उत्तराधिकारियों में बांट दिया जाएगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:अगर किसी शख्स ने मरते वक्त कोई वसीयत नहीं की हो तो उसकी मिरास इस तरह तक्सीम होगी?

उत्तर:अगर मरने वाला कर्जदार हो या उसके ज़िम्में हज वाजिब था, तो इससे अदा किया जाएगा और बाकी को प्रत्येक के हिस्से के अनुसार उत्तराधिकारियों में बांट दिया जाएगा।

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